भक्ति देना निज चरण की प्रभु हरदम चुनता रहूं सत्पथ सही। भक्ति देना निज चरण की प्रभु हरदम चुनता रहूं सत्पथ सही।
मैं रेखा ताम्रकार 'राज' आप सब को नमस्कार करती हूं मैं रेखा ताम्रकार 'राज' आप सब को नमस्कार करती हूं
मन मेरा शून्य में है हाँ मन मेरा शून्य में है कोई सब कुछ खोकर भी खुदा की इबादत करने ज मन मेरा शून्य में है हाँ मन मेरा शून्य में है कोई सब कुछ खोकर भी खुदा की इ...
चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर जीवन।। चक्रवात के चक्कर में त्राहि-त्राहि है मन घिसा पीटा हुआ लग रहा है नश्वर ...
हम सिर्फ प्रकृति से प्रार्थना करते हैं हम सिर्फ प्रकृति से प्रार्थना करते हैं
ईश्वर हमारी तरह निठल्ला तो नहीं फिर उसके अंश का मायूस होना अच्छा तो नहीं। ईश्वर हमारी तरह निठल्ला तो नहीं फिर उसके अंश का मायूस होना अच्छा तो नहीं।